बाबुल को परमेश्वर का सन्देश 
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1 “हे बाबुल की कुमारी पुत्री, 
नीचे धूल में गिर जा और वहाँ पर बैठ जा! 
अब तू रानी नहीं है! 
लोग अब तुझको कोमल और सुन्दर नहीं कहा करेंगे। 
2 अब तुझको अपना कोमल वस्त्र उतार कर कठिन परिश्रम करना चाहिए। 
अब तू चक्की ले और उस पर आटा पीस। 
तू अपना घाघरा इतना ऊपर उठा कि लोगों को तेरी टाँगे दिखने लग जाये और नंगी टाँगों से तू नदी पार कर। 
तू अपना देश छोड़ दे! 
3 लोग तेरे शरीर को देखेंगे और वे तेरा भोग करेंगे। 
तू अपमानित होगी। 
मैं तुझसे तेरे बुरे कर्मों का मोल दिलवाऊँगा जो तूने किये हैं। 
तेरी सहायता को कोई भी व्यक्ति आगे नहीं आयेगा।” 
4 “मेरे लोग कहते हैं, ‘परमेश्वर हम लोगों को बचाता है। 
उसका नाम, इस्राएल का पवित्र सर्वशक्तिमान है।’” 
5 यहोवा कहता है, हे बाबुल, तू बैठ जा और कुछ भी मत कह। 
बाबुल की पुत्री, चली जा अन्धेरे में। 
क्यों? क्योंकि अब तू और अधिक “राज्यों की रानी” नहीं कहलायेगी। 
6 “मैंने अपने लोगों पर क्रोध किया था। 
ये लोग मेरे अपने थे, किन्तु मैं क्रोधित था, 
इसलिए मैंने उनको अपमानित किया। 
मैंने उन्हें तुझको दे दिया, और तूने उन्हें दण्ड दिया। 
तूने उन पर कोई करूणा नहीं दर्शायी 
और तूने उन बूढ़ों पर भी बहुत कठिन काम का जुआ लाद दिया। 
7 तू कहा करती थी, ‘मैं अमर हूँ। 
मैं सदा रानी रहूँगी।’ 
किन्तु तूने उन बुरी बातों पर ध्यान नहीं दिया जिन्हें तूने उन लोगों के साथ किया था। 
तूने कभी नहीं सोचा कि बाद में क्या होगा। 
8 इसलिए अब, ओ मनोहर स्त्री, मेरी बात तू सुन ले! 
तू निज को सुरक्षित जान और अपने आप से कह। 
‘केवल मैं ही महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हूँ। 
मेरे समान कोई दूसरा बड़ा नहीं है। 
मुझको कभी भी विधवा नहीं होना है। 
मेरे सदैव बच्चे होते रहेंगे।” 
9 ये दो बातें तेरे साथ में घटित होंगी: 
प्रथम, तेरे बच्चे तुझसे छूट जायेंगे और फिर तेरा पति भी तुझसे छूट जायेगा। 
हाँ, ये बातें तेरे साथ अवश्य घटेंगी। 
तेरे सभी जादू और शक्तिशाली टोने तुझको नहीं बचा पायेंगे। 
10 तू बुरे काम करती है, फिर भी तू अपने को सुरक्षित समझती है। 
तू कहा करती है, ‘तेरे बुरे काम को कोई नहीं देखता।’ 
तू बुरे काम करती है किन्तु तू सोचती है कि तेरी बुद्धि और तेरा ज्ञान तुझको बचा लेंगे। 
तू स्वयं को सोचती है कि, ‘बस एक तू ही महत्त्वपूर्ण है। 
तेरे जैसा और कोई भी दूसरा नहीं है।’ 
11 “किन्तु तुझ पर विपत्तियाँ आयेंगी। 
तू नहीं जानती कि यह कब हो जायेगा, किन्तु विनाश आ रहा है। 
तू उन विपत्तियों को रोकने के लिये कुछ भी नहीं कर पायेगी। 
तेरा विनाश इतना शीघ्र होगा कि तुझको पता तक भी न चलेगा कि क्या कुछ तेरे साथ घट गया। 
12 जादू और टोने को सीखने में तूने कठिन श्रम करते हुए जीवन बिता दिया। 
सो अब अपने जादू और टोने को चला। 
सम्भव है, टोने—टोटके तुझको बचा ले। 
सम्भव है, उनसे तू किसी को डरा दे। 
13 तेरे पास बहुत से सलाहकार हैं। 
क्या तू उनकी सलाहों से तंग आ चुकी है तो फिर उन लोगों को जो सितारे पढ़ते हैं, बाहर भेज। 
जो बता सकते हैं महीना कब शुरू होता है। 
सो सम्भव है वे तुझको बता पाये कि तुझ पर कब विपत्तियाँ पड़ेंगी। 
14 किन्तु वे लोग तो स्वयं अपने को भी बचा नहीं पायेंगे। 
वे घास के तिनकों जैसे भक से जल जायेंगे। 
वे इतने शीघ्र जलेंगे कि अंगार तक कोई नहीं बचेगा जिसमें रोटी सेकी जा सके। 
कोई आग तक नहीं बचेगी जिसके पास बैठ कर वे खुद को गर्मा ले। 
15 ऐसा ही हर वस्तु के साथ में घटेगा जिनके लिये तूने कड़ी मेहनत की। 
तेरे जीवन भर जिन से तेरा व्यापार रहा, वे ही व्यक्ति तुझे त्याग जायेंगे। 
हर कोई अपनी—अपनी राह चला जायेगा। 
कोई भी व्यक्ति तुझको बचाने को नहीं बचेगा।” 
