अय्यूब को बिल्दद का उत्तर
18
फिर शूही प्रदेश के बिल्दद ने उत्तर देते हूए कहा:
“अय्यूब, इस तरह की बातें करना तू कब छोड़ेगा
तुझे चुप होना चाहिये और फिर सुनना चाहिये।
तब हम बातें कर सकते हैं।
तू क्यों यह सोचता हैं कि हम उतने मूर्ख हैं जितनी मूर्ख गायें।
अय्यूब, तू अपने क्रोध से अपनी ही हानि कर रहा है।
क्या लोग धरती बस तेरे लिये छोड़ दे क्या तू यह सोचता है कि
बस तुझे तृप्त करने को परमेश्वर धरती को हिला देगा?
“हाँ, बुरे जन का प्रकाश बुझेगा
और उसकी आग जलना छोड़ेगी।
उस के तम्बू का प्रकाश काला पड़ जायेगा
और जो दीपक उसके पास है वह बुझ जायेगा।
उस मनुष्य के कदम फिर कभी मजबूत और तेज नहीं होंगे।
किन्तु वह धीरे चलेगा और दुर्बल हो जायेगा।
अपने ही कुचक्रों से उसका पतन होगा।
उसके अपने ही कदम उसे एक जाल के फन्दे में गिरा देंगे।
वह चल कर जाल में जायेगा और फंस जायेगा।
कोई जाल उसकी एड़ी को पकड़ लेगा।
एक जाल उसको कसकर जकड़ लेगा।
10 एक रस्सा उसके लिये धरती में छिपा होगा।
कोई जाल राह में उसकी प्रतीक्षा में है।
11 उसके तरफ आतंक उसकी टोह में हैं।
उसके हर कदम का भय पीछा करता रहेगा।
12 भयानक विपत्तियाँ उसके लिये भूखी हैं।
जब वह गिरेगा, विनाश और विध्वंस उसके लिये तत्पर रहेंगे।
13 महाव्याधि उसके चर्म के भागों को निगल जायेगी।
वह उसकी बाहों और उसकी टाँगों को सड़ा देगी।
14 अपने घर की सुरक्षा से दुर्जन को दूर किया जायेगा
और आतंक के राजा से मिलाने के लिये उसको चलाकर ले जाया जायेगा।
15 उसके घर में कुछ भी न बचेगा
क्योंकि उसके समूचे घर में धधकती हुई गन्धक बिखेरी जायेगी।
16 नीचे गई जड़ें उसकी सूख जायेंगी
और उसके ऊपर की शाखाएं मुरझा जायेंगी।
17 धरती के लोग उसको याद नहीं करेंगे।
बस अब कोई भी उसको याद नहीं करेगा।
18 प्रकाश से उसको हटा दिया जायेगा और वह अंधकार में ढकेल जायेगा।
वे उसको दुनियां से दूर भाग देंगे।
19 उसकी कोई सन्तान नहीं होगी अथवा उसके लोगों के कोई वंशज नहीं होंगे।
उसके घर में कोई भी जीवित नहीं बचेगा।
20 पश्चिम के लोग सहमें रह जायेंगे जब वे सुनेंगे कि उस दुर्जन के साथ क्या घटी।
लोग पूर्व के आतंकित हो सुन्न रह जायेंगे।
21 सचमुच दुर्जन के घर के साथ ऐसा ही घटेगा।
ऐसी ही घटेगा उस व्यक्ति के साथ जो परमेश्वर की परवाह नहीं करते।”