मूसा हारून और उसके पुत्रों को ऊपसाना के लिए पवित्र करता है
8
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 “हारून और उसके साथ उके पुत्रों, उनके वस्त्र, अभिषेक का तेल, पापबलि का बैल, दो भेड़ें और अखमीरी मैदे के फुलके की टोकरी लो,
3 तब मिलापवाले तम्बू के द्वार पर लोगों को एक साथ लाओ।”
4 मूसा ने वही किया जो यहोवा ने उसे आदेश दिया। लोगो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर एक साथ मिले।
5 तब मूसा ने लोगों से कहा, “यह वही है जोसे करने का आदेश यहोवा ने दिया है।”
6 तब मूसा, हारून और उसके पुत्रों को लाया। उसने उन्हें पानी से नहलया।
7 तब मूसा ने हारून को अन्तःवस्त्र पहनाया। मूसा ने हारून के चारों ओर एक पेटी बाँधी। तब मूसा ने हारून को बाहरी लबादा पहनाया। इसके ऊपर मूसा ने हारुन को चोगा पहनाया और उस पर एपोद पहनाई, फिर उस पर सुन्दर पटुका बाँधा।
8 तब मूसा ने न्याया की थैली की जेब में ऊरीम औ तुम्मीम रखा।
9 मूसा ने हारून के सिर पर पगड़ी भी बाँधी। मूसा ने इस पगड़ी के अगले भाग पर सोने की पट्टी पवित्र मुकुट के समान है। मूसा ने यह यहोवा के आदेश के अनुसार किया।
10 तब मूसा ने अभिषक का तेल लिया और पवित्र तम्बू तथा इसमें की सभी चीजों पर छिड़का। इसप्रकार मूसा ने उन्हें पवित्र किया।
11 मूसा ने अभिषेक का कुछ तेल वेदी पर सात बार छिड़का। मूसा ने वेदी, उसके उपकरणों और तश्तरियों का अभिषेक किया। मूसा ने बड़ी चिलमची और उसके आधार पर भी अभिषेक का तेल छिड़का। इस प्रकार मूसा ने उन्हें पवित्र किया।
12 तब मूसा ने अभिषेक के कुछ तेल को हारून के सिर पर डाला। इस प्रकार उसने हारून को पवित्र किया।
13 तब मूसा हारून के पुत्रों को लाया और उन्हें विशेष वस्त्र पहनाए। उसने उन्हें पटुके पेटियाँ बाँधे। तब उसने उन के सिर पर पगड़ियाँ बाँधी। मूसा ने ये सब वैसे ही किया जैसे यहोवा ने आदेश दिया था।
14 तब मूसा पापबलि के बैल को लाया। हारून औ उसके पुत्रों ने अपने हातों को पापबलि के बैल के सिर पर रखा।
15 तब मूसा ने बैल को मारा। मूसा ने उसेक खून को लिया। मूसा ने अपनी ऊँगली का उपयोग किया और कुछ खून वेदी पर के सभी कोनों पर छिड़का। इस प्रकार मूसा ने वेदी को बलि के लिए शुद्ध किया। तब मूसा ने वेदी की नींव पर खून को उँडेला। इस प्रकार मूसा ने वेदी को लोगों के पापों के भुगतान के लिए पाप बलियों के लिए तैयार किया।
16 मूसा ने बैल के भीतरी भागों से सारी चर्बी ली। मूसा ने दोनों गुर्दे और उनेक ऊपर की चर्बी के साथ कलेजे को ढकने वाली चर्बी ली। तब उसने उन्हें बेदी पर जलाया।
17 किन्तु मूसा बैल के चमड़े, उसके माँस और शरीर के वयर्थ भीतरी भाग रको डेरे के बाहर ले गया। मूसा ने डेरे के बाहर आग में उन चीजों को जलाया। मूसा ने ये सब बैसा ही किया जैसा यहोवा ने आदेश दिया था।
18 मूसा होमबलि के मेढ़े को लाया। हारून और उसके पुत्रों ने अपने हाथ मेढ़े के सिर पर रखे।
19 तब मूसा ने मेढ़े को मार। उसने वेदी के चारों और खून छिड़का ।
20-21 मूसा ने मेढ़े को टुकड़ों में काटा। मूसा ने भीतरी भागों और पैरों को पानी से धोया। तब मूसा ने पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाया।मूसा ने उसका सिर, टुकड़े औ चर्बी को जलाया। यह आग द्वारा होमबलि थी। यह यहोवा के लिए सुगन्ध थी। मूसा ने यहोवा के आदेश के अनुसार वे सबकाम किए।
22 तब मूसा दूसरे मेढ़े को लाया। इस मेढ़े का उपयोग हारून और उसके पुत्रों को याजक बनाने के लिए किया गाय। हारून और उसके पुत्रों ने अनपे हाथ मेढ़े के सिर पर रखे।
23 तब मूसा ने मेढ़े को मारा। उसने इसका कुछ खून हारून के कान के निचले सिरे पर, दाएं हाथ के अंगूठे पर और हारून के दाएं पैर के अंगूठे पर लगाया।
24 तब मूसा हारून के पुत्रों को वेदी के पास लाया। मूसा ने कुछ खून उनके दाएं कान के निचले सिरे पर, दाएं हाथ के अंगूठे पर और उनके दाएं पैर के अंगूठों पर लगाया। तब मूसा ने वेदी के चारों ओर खून डाला।
25 मूसा ने चर्बी और भरी पूँछ, भीतरी भाग की सारी चर्बी कलेजे को ढकेने वाली चर्बी, दोनों गुर्दे और उनकी चर्बी और दायीं जाँघ को लिया।
26 एक टोकरी अखमीरी मैदे के फुलके हर एक दिन यहोवा के सामने रखी जाती हैं। मूसा ने उन फुलकियों में से एक रोटी, और एक तेल से सनी फुलकी, और एक अखमीरी चपाती ली। मूसा ने उन फुलकियों के टुकड़ो को चर्बी तथा मेढ़े की दायीं जाँघ पर रखा।
27 तब मूसा ने उन सभी को हारून और उके पुत्रों के हाथों में रखा। मूसा ने उन टुकड़ों को यहोवा के सामने उत्तोन बलि के रूप मे हाथों में ऊपर उठवाया।
28 तब मूसा ने इन चीजों को हारून और उसके पुत्रों के हाथों से लिया। मूसा ने उन्हें वेदी पर होमबली के ऊपर जलाया। इस प्रकार वह बलि हारून और उसके पुत्रों को याजक नियुक्त करने के लिए थी। यह आग द्वारा दी गी बलि थी। यह यहोवा को प्रसन्न करने के लिए सुगन्ध थी।
29 तब मूसा ने उस मेढ़े की छाती को लिया और यहोवा के सामने उत्तोलन बलि के लिए ऊपर उठवाया। याजकों को नियुक्त करने के लिए यह मूसा के हिस्से का मेढ़ा था। यह ठीक वैसा ही था जैसा यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।
30 मूसा ने अभिषेक का कुछ तेल और वेदी पर का कुछ खून लिया। मूसा ने उस में से थोड़ा हारून और उसके वस्त्रों पर छिड़का और कुछ हारुन के उन पुत्रों पर जो उसके साथ थे और कुछ उनके वस्त्रों पर छिड़का। इस प्रकार मूसा ने हारून, उसके वस्त्रों, उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों को पवित्र बनाया।
31 तब मूसा ने हारून और उसके पुत्रों से कहा, “क्या तुम्हें मेरा आदेश* याद है? मैंने कहा, ‘हारून और उसके पुत्र इन चीजों को खाएंगे।’ अत: याजक नियुक्ति संस्कार से रोटी की टोकरी और माँस लो। मिलापवाले तम्बू के द्वार पर उस माँस को उबालो। तुम उस माँस और उस रोटी को उसी स्थान पर खाओगे।
32 यदि कुछ मांस या रोटी बच जाए तो उसे जला देना।
33 याजक नियुक्ति संस्कार सात दिन तक चलेगा। तुम मिलापवाल तम्बू से तब तक नहीं जाओगे जब तक तुमहार याजक नियुक्ति संस्कार का समय पूरा नहीं हो जाता।
34 यहोवा ने उन कामों को करने का आदेश दिया था जो आज किए गए उन्होंने तुम्हारे पापों के भुगतान के लिए यह आदेश दिया था।
35 तुम्हें मिलापवाले तम्बू के द्वार पर सात दिन तक, पूरे दिन रात रहना चाहिए। यदि तुम यहोवा का आदेश नहीं मानते हो तो तुम मर जाओगे। यहोवा ने मुझे ये आदेश दिया था।”
36 इसलिए हारून और उसके पुत्रों ने वह सब कुछ किया जिसे करने का आदेश यहोवा ने मूसा को दिया था।
* 8:31: मेरा आदेश यहाँ मेरा आदेश से अभिप्राय है मेरे द्वारा दिया गया यहोवा का आदेश मूसा का वचन, यहोवा का वचन है क्योंकि वह यहोवा का प्रवक्ता है। इसलिए यहाँ मूसा ने यहोवा के आदेश को मेरा आदेश कहा है।