बिलाम की तीसरी भविष्यवाणी 
24
1 बिलाम को मालूम हुआ कि यहोवा इस्राएल को आशीर्वाद देना चाहता है। इस्रालिए बिलाम ने किसी प्रकार के जादू मन्तर का उपयोग करके उसे बदलना नहीं चाहा। किन्तु बिलाम मुड़ा और उसने मरुभूमि की ओर देखा। 
2 बिलाम ने मरुभूमि के पार तक देखा और इस्राएल के सभी लोगों को देख लिया। वे अपने अलग—अलग परिवार समूहों के क्षेत्र में डेरा डाले हुए थे। तब परमेश्वर ने बिलाम को प्रेरित किया। 
3 और बिलाम ने ये शब्द कहेः 
“बोर का पुत्र बिलाम जो सब कुछ स्पष्ट देख सकता है 
ये बातें कहता है। 
4 ये शब्द कहे गए, क्योंकि मैं परमेश्वर की बात सुनता हूँ। 
मैं उन चीज़ों को देख सकता हूँ जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर चाहता है की मैं देखूँ। 
मैं जो कुछ स्पष्ट देख सकता हूं वही नम्रता के साथ कहता हूँ। 
5 “याकूब के लोगों तुम्हारे खेमे बहुत सुन्दर हैं! 
इस्राएल के लोगों जिनके घर सुन्दर हैं! 
6 तुम्हारे डेरे घाटियों की तरह 
प्रदेश के आर—पार फैले हैं. 
ये नदी के किनारे उगे 
बाग की तरह हैं। 
ये यहोवा द्वारा बोयी गई 
फसल की तरह हैं। 
ये नदियों के किनारे उगे 
देवदार के सुन्दर पेड़ों की तरह हैं। 
7 तुम्हें पीने के लिए सदा पर्याप्त पानी मिलेगा। 
तुम्हें फसलें उगाने के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। 
तुम लोगों का राजा अगाग से महान होगा। 
तुम्हारा राज्य बहुत महान हो जाएगा। 
8 “परमेश्वर उन लोगों को मिस्र से बाहर लाया। 
वे इतने शक्तिशाली हैं जितना कोई जंगली साँड। 
वे अपने सभी शत्रुओं को हरायेंगे। 
वे अपने शत्रुओं की हड्डियाँ चूर करेंगे। 
और उनके बाण उनके शत्रु को मार डालेंगे वे उस सिंह की तरह हैं 
जो अपने शिकार पर टूट पड़ना चाहता हो। 
9 वे उस सिंह की तरह है जो सो रहा हो। 
कोई व्यक्ति इतना साहसी नहीं जो उसे जगा दे! 
कोई व्यक्ति जो तुम्हें आशीर्वाद देगा, आशीष पाएगा, 
और कोई व्यक्ति जो तुम्हारे विरुद्ध बोलेगा विपत्ति में पड़ेगा।” 
10 तब बिलाम पर बालाक बहुत क्रोधित हुआ। बालाक ने बिलाम से कहा, “मैंने तुम्हे आने और अपने शत्रुओं के विरुद्ध कुछ कहने के लिए बुलाया। किन्तु तुमने उनको आशीर्वाद दिया है। तुमने उन्हें तीन बार आशीर्वाद दिया है। 
11 अब विदा हो और घर जाओ। मैंने कहा था कि मैं तुम्हें बहुत अधिक सम्पन्न बनाऊँगा। किन्तु यहोवा ने तुम्हें पुरस्कार से वंचित कराया है।” 
12 बिलाम ने बालाक से कहा, “तुमने आदमियों को मेरे पास भेजा। उन व्यक्तियों ने मुझसे आने के लिए कहा। किन्तु मैंने उनसे कहा, 
13 ‘बालाक अपना सोने—चाँदी से भरा घर मुझको दे सकता है। परन्तु मैं तब भी केवल वही बातें कह सकता हूँ जिसे कहने के लिए यहोवा आदेश देता है। मैं अच्छा या बुरा स्वयं कुछ नहीं कर सकता। मुझे वही करना चाहिए जो यहोवा का आदेश हो।’ क्या तुम्हें याद नहीं कि मैंने ये बातें तुम्हारे लोगों से कहीं।’ 
14 अब मैं अपने लोगों के बीच जा रहा हूँ किन्तु तुमको एक चेतावनी दूँगा। मैं तुमसे कहूँगा कि भविष्य में इस्राएल के ये लोग तुम्हारे और तुम्हारे लोगों के साथ क्या करेंगे।” 
बिलाम की अन्तिम भविष्यवाणी 
15 तब बिलाम ने ये बातें कहीः 
“बोर के पुत्र बिलाम के ये शब्द हैं: 
ये उस व्यक्ति के शब्द हैं जो चीज़ों को साफ—साफ देख सकता है। 
16 ये उस व्यक्ति के शब्द हैं जो परमेश्वर की बातें सुनता है। 
सर्वोच्च परमेंश्वर ने मुझे ज्ञान दिया है। 
मैंने वह देखा है जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मुझे दिखाना चाहा है। 
मैं जो कुछ स्पष्ट देखता हूँ वही नम्रता के साथ कहता हूँ। 
17 “मैं देखता हूँ कि यहोवा आ रहा है, किन्तु अभी नहीं। 
मैं उसका आगमन देखता हूँ, किन्तु यह शीघ्र नहीं है। 
याकूब के परिवार से एक तारा आएगा। 
इस्राएल के लोगों में से एक नया शासक आएगा। 
वह शासक मोआबी लोगों के सिर कुचल देगा। 
वह शासक सेईर के सभी पुत्रों के सिर कुचल देगा। 
18 एदोम देश पराजित होगा 
नये राजा का शत्रु सेईर पराजित होगा। 
इस्राएल के लोग शक्तिशाली हो जाएंगे। 
19 “याकूब के परिवार से एक नया शासक आएगा। 
नगर में जीवित बचे लोगों को वह शासक नष्ट करेगा।” 
20 तब बिलाम ने अपने अमालेकी लोगों को देखा और ये बातें कहीः 
“सभी राष्ट्रों में अमालेक सबसे अधिक बलवान था। 
किन्तु अमालेक भी नष्ट किया जाएगा।” 
21 तब बिलाम ने केनियों को देखा और उनसे ये बातें कहीः 
“तुम्हें विश्वास है कि तुम्हारा देश उसी प्रकार सुरक्षित है। 
जैसे किसी ऊँचे खड़े पर्वत पर बना घोंसला। 
22 किन्तु केनियों, तुम नष्ट किये जाओगे। 
अश्शूर तुम्हें बन्दी बनाएगा।” 
23 तब बिलाम ने ये शब्द कहे, 
“कोई व्यक्ति नहीं रह सकता जब परमेश्वर यह करता है। 
24 कित्तियों के तट स जहाज आएंगे। 
वे जहाज अश्शूर और एबेर को हराएंगे। 
किन्तु तब वे जहाज भी नष्ट कर दिए जाएंगे।” 
25 तब बिलाम उठा और अपने घर को लौट गया और बालाक भी अपनी राह चला गया। 
