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1 यहोवा का गुण गान कर! 
मेरे मन, यहोवा की प्रशंसा कर। 
2 मैं अपने जीवन भर यहोवा के गुण गाऊँगा। 
मैं अपने जीवन भर उसके लिये यश गीत गाऊँगा। 
3 अपने प्रमुखों के भरोसे मत रहो। 
सहायता पाने को व्यक्ति के भरोसे मत रहो, क्योंकि तुमको व्यक्ति बचा नहीं सकता है। 
4 लोग मर जाते हैं और गाड़ दिये जाते है। 
फिर उनकी सहायता देने की सभी योजनाएँ यूँ ही चली जाती है। 
5 जो लोग, याकूब के परमेश्वर से अति सहायता माँगते, वे अति प्रसन्न रहते हैं। 
वे लोग अपने परमेश्वर यहोवा के भरोसे रहा करते हैं। 
6 यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है। 
यहोवा ने सागर और उसमें की हर वस्तु बनाई है। 
यहोवा उनको सदा रक्षा करेगा। 
7 जिन्हें दु:ख दिया गया, यहोवा ऐसे लोगों के संग उचित बात करता है। 
यहोवा भूखे लोगों को भोजन देता है। 
यहोवा बन्दी लोगों को छुड़ा दिया करता है। 
8 यहोवा के प्रताप से अंधे फिर देखने लग जाते हैं। 
यहोवा उन लोगों को सहारा देता जो विपदा में पड़े हैं। 
यहोवा सज्जन लोगों से प्रेम करता है। 
9 यहोवा उन परदेशियों की रक्षा किया करता है जो हमारे देश में बसे हैं। 
यहोवा अनाथों और विधवाओं का ध्यान रखता है 
किन्तु यहोवा दुर्जनों के कुचक्र को नष्ट करता हैं। 
10 यहोवा सदा राज करता रहे! 
सिय्योन तुम्हारा परमेश्वर पर सदा राज करता रहे! 
यहोवा का गुणगान करो! 
