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दाऊद को समर्पित। 
1 हे यहोवा, तू मेरी ज्योति और मेरा उद्धारकर्ता है। 
मुझे तो किसी से भी नहीं डरना चाहिए! 
यहोवा मेरे जीवन के लिए सुरक्षित स्थान है। 
सो मैं किसी भी व्यक्ति से नहीं डरुँगा। 
2 सम्भव है, दुष्ट जन मुझ पर चढ़ाई करें। 
सम्भव है, वे मेरे शरीर को नष्ट करने का यत्न करे। 
सम्भव है मेरे श्त्रु मुझे नष्ट करने को 
मुझ पर आक्रमण का यत्न करें। 
3 पर चाहे पूरी सेना मुझको घेर ले, मैं नहीं डरुँगा। 
चाहे युद्धक्षेत्र में मुझ पर लोग प्रहार करे, मैं नहीं डरुँगा। क्योंकि मैं यहोवा पर भरोसा करता हूँ। 
4 मैं यहोवा से केवल एक वर माँगना चाहता हूँ, 
“मैं अपने जीवन भर यहोवा के मन्दिर में बैठा रहूँ, 
ताकि मैं यहोवा की सुन्दरता को देखूँ, 
और उसके मन्दिर में ध्यान करुँ।” 
5 जब कभी कोई विपत्ति मुझे घेरेगी, यहोवा मेरी रक्षा करेगा। 
वह मुझे अपने तम्बू मैं छिपा लेगा। 
वह मुझे अपने सुरक्षित स्थान पर ऊपर उठा लेगा। 
6 मुझे मेरे शत्रुओं ने घेर रखा है। किन्तु अब उन्हें पराजित करने में यहोवा मेरा सहायक होगा। 
मैं उसके तम्बू में फिर भेंट चढ़ाऊँगा। 
जय जयकार करके बलियाँ अर्पित करुँगा। मैं यहोवा की अभिवंदना में गीतों को गाऊँगा और बजाऊँगा। 
7 हे यहोवा, मेरी पुकार सुन, मुझको उत्तर दे। 
मुझ पर दयालु रह। 
8 हे योहवा, मैं चाहता हूँ अपने हृदय से तुझसे बात करुँ। 
हे यहोवा, मैं तुझसे बात करने तेरे सामने आया हूँ। 
9 हे यहोवा, अपना मुख अपने सेवक से मत मोड़। 
मेरी सहायता कर! मुझे तू मत ठुकरा! मेरा त्याग मत कर! 
मेरे परमेश्वर, तू मेरा उद्धारकर्ता है। 
10 मेरी माता और मेरे पिता ने मुझको त्याग दिया, 
पर यहोवा ने मुझे स्वीकारा और अपना बना लिया। 
11 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण, मुझे अपना मार्ग सिखा। 
मुझे अच्छे कामों की शिक्षा दे। 
12 मुझ पर मेरे शत्रुओं ने आक्रमण किया है। 
उन्होंने मेरे लिए झूठ बोले हैं। वे मुझे हानि पहुँचाने के लिए झूठ बोले। 
13 मुझे भरोसा है कि मरने से पहले मैं सचमुच यहोवा की धार्मिकता देखूँगा। 
14 यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो! 
साहसी और सुदृढ़ बने रहो 
और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो। 
