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शौमिनिथ शैली के तारवाद्यों के निर्देशक के लिये दाऊद का एक गीत। 
1 हे यहोवा, तू मुझ पर क्रोधित होकर मेरा सुधार मत कर। 
मुझ पर कुपित मत हो और मुझे दण्ड मत दे। 
2 हे यहोवा, मुझ पर दया कर। 
मै रोगी और दुर्बल हूँ। 
मेरे रोगों को हर ले। 
मेरी हड्डियाँ काँप—काँप उठती हैं। 
3 मेरी समूची देह थर—थर काँप रही है। 
हे यहोवा, मेरा भारी दु:ख तू कब तक रखेगा। 
4 हे यहोवा, मुझ को फिर से बलवान कर। 
तू महा दयावाने है मेरी रक्षा कर। 
5 मरे हुए लोग तुझे अपनी कब्रों के बीच याद नहीं करते हैं। 
मृत्यु के देश में वे तेरी प्रशंसा नहीं करते हैं। 
अतःमुझको चँगा कर। 
6 हे यहोवा, सारी रात मैं तुझको पुकारता रहता हूँ। 
मेरा बिछौना मेरे आँसुओं से भीग गया है। 
मेरे बिछौने से आँसु टपक रहे हैं। 
तेरे लिये रोते हुए मैं क्षीण हो गया हूँ। 
7 मेरे शत्रुओं ने मुझे बहुतेरे दु:ख दिये। 
इसने मुझे शोकाकुल और बहुत दु:खी कर डाला और अब मेरी आँखें रोने बिलखने से थकी हारी, दुर्बल हैं। 
8 अरे ओ दुर्जनों, तुम मुझ से दूर हटो। 
क्योंकि यहोवा ने मुझे रोते हुए सुन लिया है। 
9 मेरी विनती यहोवा के कान तक पहुँच चुकी है 
और मेरी प्रार्थनाओं को यहोवा ने सुनकर उत्तर दे दिया है। 
10 मेरे सभी शत्रु व्याकुल और आशाहीन होंगे। 
कुछ अचानक ही घटित होगा और वे सभी लज्जित होंगे। 
वे मुझको छोड़ कर लौट जायेंगे। 
